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भीतरी और बाहरी दीवारों के लिए प्लास्टर की मोटाई कितनी होती है?

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मुख्य बातें

 

  • आंतरिक प्लास्टर की मोटाई, दीवार के प्रकार और सतह की तैयारी के आधार पर, आमतौर पर 10 से 15 मिमी के बीच होती है।
 
  • बाहरी प्लास्टर की मोटाई, पर्यावरणीय तत्वों से पर्याप्त सुरक्षा के लिए, आमतौर पर 15-25 मिमी के बीच होती है।
 
  • बाहरी दीवार के प्लास्टर का अनुपात प्लास्टर की मजबूती और टिकाऊपन निर्धारित करने में एक महत्वपूर्ण कारक है।
 
  • दीवार की संरचनात्मक अखंडता और दिखावट के लिए दीवार की प्लास्टर की मोटाई एक समान बनाए रखना महत्वपूर्ण है।


प्लास्टर की मोटाई एक आवश्यक निर्माण प्रक्रिया है जिसमें दीवारों और छतों पर एक सुरक्षात्मक और सजावटी परत लगाई जाती है। प्लास्टर की मोटाई, सतह की दिखावट और टिकाऊपन दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। यह ब्लॉग आंतरिक और बाहरी दीवारों के लिए सुझाई गयी प्लास्टर की मोटाई, इसमें शामिल प्रक्रिया और इसे प्रभावित करने वाले कारकों पर चर्चा करता है।

 

 


आंतरिक दीवार का प्लास्टर

 

आंतरिक दीवार के प्लास्टर के लिए प्लास्टर की मोटाई कितनी होती है?

आंतरिक दीवारों के लिए, प्लास्टर की मोटाई आमतौर पर 10 से 15 मिमी तक होती है। यह मोटाई मूलभूत पदार्थ (सब्सट्रेट) के प्रकार, दीवार की स्थिति और परियोजना की विशिष्ट आवश्यकताओं के आधार पर भिन्न हो सकती है।

 

  • सिंगल कोट प्लास्टर: चिकनी, समतल सतह के लिए, 10 मिमी की मोटाई अक्सर पर्याप्त होती है।
 
  • डबल-कोट प्लास्टर: जब दीवार की सतह असमान हो या उसे अतिरिक्त मजबूती की आवश्यकता हो, तो लगभग 15 मिमी की कुल मोटाई वाले दो-कोट लगाने की सलाह दी जाती है।

 

प्लास्टरिंग (प्लास्टर करने की) प्रक्रिया

आंतरिक दीवार की मोटाई के लिए प्लास्टरिंग प्रक्रिया में कई प्रमुख चरण शामिल होते हैं:

 

  • सतह को तैयार करना: धूल हटाने और बेहतर चिपकाव (आसंजन) को सुनिश्चित करने के लिए दीवार की सतह को साफ और गीला किया जाना चाहिए।
 
  • पहला कोट (स्क्रैच कोट) लगाना: सतह पर 10 मिमी मोटा कोट लगाया जाता है और जमने के लिए छोड़ दिया जाता है।
 
  • दूसरा कोट (फ़िनिश कोट) लगाना: यदि आवश्यक हो, तो पहले कोट के ऊपर लगभग 5 मिमी का दूसरा कोट लगाया जाता है। वांछित फ़िनिश प्राप्त करने के लिए इस कोट को चिकना और समतल किया जाता है।
 
  • क्योरिंग: प्लास्टर की गई सतह को कई दिनों तक नम रखा जाता है ताकि वह ठीक से जम जाए और दरारें न पड़ें।

 

आंतरिक दीवार के प्लास्टर की मोटाई को प्रभावित करने वाले कारक



आंतरिक प्लास्टर के लिए दीवार के प्लास्टर की मोटाई को कई कारक प्रभावित कर सकते हैं:

 

  • दीवार की सामग्री: ईंट, कंक्रीट या ब्लॉक की दीवारों को उनकी सतह की टेक्स्चर (सतह की दृश्य या स्पर्शनीय भौतिक विशेषता) और अवशोषण गुणों के आधार पर अलग-अलग मोटाई की आवश्यकता हो सकती है।
 
  • सतह की समतलता: असमान सतहों को एक चिकनी, समतल फ़िनिश देने के लिए मोटे प्लास्टर की आवश्यकता होती है।
 
  • प्लास्टरिंग का उद्देश्य: सजावटी फ़िनिश या ध्वनिरोध करने के लिए आंतरिक दीवार के प्लास्टर की मोटाई में भिन्नता की आवश्यकता हो सकती है।

 

 

बाहरी दीवार का प्लास्टर



बाहरी दीवार के लिए प्लास्टर की मोटाई कितनी होती है?

बाहरी दीवार पर प्लास्टर करने के लिए आमतौर पर 15 से 25 मिमी तक की मोटी कोटिंग (परत) की आवश्यकता होती है, और प्लास्टर की मोटाई आईएस कोड के अनुसार होनी चाहिए जो आमतौर पर इन मापों को निर्देशित करती है। अतिरिक्त मोटाई इमारत को बारिश, हवा और अत्यधिक तापमान जैसे मौसम संबंधी कारकों से बचाने में मदद करती है।

 

  • शुरुआत में लगभग 12-15 मिमी का बेस कोट लगाया जाता है।
 
  • फिर 8-10 मिमी का एक फ़िनिश कोट लगाया जाता है, जिससे कुल मोटाई 20-25 मिमी तक हो जाती है।

 

प्लास्टरिंग प्रक्रिया

बाहरी प्लास्टरिंग की प्रक्रिया में ये शामिल हैं:

 

  • सतह को तैयार करना: दीवार की सतह को साफ करें और यदि आवश्यक हो तो कोई बॉन्डिंग एजेंट लगाएँ।
 
  • बेस कोट लगाना: 12-15 मिमी मोटा बेस कोट लगाया जाता है और थोड़ा सूखने दिया जाता है।
 
  • फ़िनिश कोट लगाना: बेस कोट के ऊपर 8-10 मिमी मोटा फ़िनिश कोट लगाया जाता है, आवश्यकता के अनुसार उसे चिकना किया जाता है और उसके टेक्स्चर को बनाया जाता है।
 
  • क्योरिंग: आंतरिक प्लास्टर की तरह, बाहरी प्लास्टर को भी उचित सेटिंग और टिकाऊपन सुनिश्चित करने के लिए कम से कम एक सप्ताह तक नम रखकर क्योरिंग करनी चाहिए।

 

बाहरी दीवार के प्लास्टर की मोटाई को प्रभावित करने वाले कारक

बाहरी दीवार की मोटाई निम्नलिखित से प्रभावित होती है:

 

  • जलवायु: कठोर मौसम की स्थिति वाले क्षेत्रों में बेहतर सुरक्षा के लिए मोटे प्लास्टर की आवश्यकता हो सकती है।
 
  • दीवार की सामग्री: बाहरी दीवारों में जिस तरह की सामग्री लगाई जाती है, जैसे ईंट, कंक्रीट या पत्थर, वो दीवारों के लिए आवश्यक प्लास्टर की मोटाई को प्रभावित करती है।
 
  • बाहरी दीवार प्लास्टरिंग अनुपात: प्लास्टर के मिश्रण में सीमेंट-रेत का अनुपात, बाहरी प्लास्टर की मजबूती और टिकाऊपन निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
 
  • संरचनात्मक आवश्यकताएँ: भूकंप-प्रवण क्षेत्रों में इमारतों को अतिरिक्त मजबूती के लिए बाहरी दीवार की मोटाई पर अतिरिक्त प्लास्टर की आवश्यकता हो सकती है।

 

 

बेहतर प्लास्टर फ़िनिश के लिए सुझाव



एक चिकनी और टिकाऊ प्लास्टर फ़िनिश प्राप्त करने के लिए बारीकियों पर ध्यान देने और उचित तकनीक की आवश्यकता होती है। बेहतर प्लास्टर फ़िनिश सुनिश्चित करने के लिए यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं:

 

  • सतह को तैयार करना: चिपकाव (आसंजन) बढ़ाने के लिए प्लास्टर लगाने से पहले दीवार को हमेशा साफ़ और गीला करें।
 
  • एकसमान मिश्रण: गांठों से बचने और एकसमान बनावट प्राप्त करने के लिए पानी और प्लास्टर के अनुपात का एकसमान उपयोग करें।
 
  • उचित क्योरिंग: दरारें रोकने और प्लास्टर की मज़बूती को बढ़ाने के लिए पर्याप्त क्योरिंग को सुनिश्चित करें।
 
  • गुणवत्तापूर्ण सामग्री का उपयोग करें: उच्च गुणवत्ता वाली प्लास्टरिंग सामग्री, बेहतर फ़िनिश और टिकाऊपन को सुनिश्चित करती है।


 

निष्कर्ष के तौर पर, आंतरिक और बाहरी दोनों दीवारों के लिए प्लास्टर की मोटाई किसी इमारत के टिकाऊपन, रूप और समग्र अखंडता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। आंतरिक प्लास्टरिंग आमतौर पर 10-15 मिमी तक मोटी होती है, जबकि बाहरी प्लास्टरिंग के लिए पर्यावरणीय तत्वों से सुरक्षा के लिए 15-25 मिमी की मोटाई की आवश्यकता होती है। आईएस कोड के अनुसार, दीवारों के प्लास्टर की मोटाई को प्रभावित करने वाली प्रक्रिया और कारकों को समझकर, एक चिकनी और लंबे समय तक चलने वाली फ़िनिश को सुनिश्चित किया जा सकता है।




अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

 

1. क्या प्लास्टरिंग की मोटाई दीवार के समग्र टिकाऊपन को प्रभावित कर सकती है?

हाँ, प्लास्टर की मोटाई दीवार के टिकाऊपन को बहुत प्रभावित करती है। मोटा प्लास्टर पर्यावरण के तत्वों और घिसाव से बेहतर सुरक्षा प्रदान करता है, खासकर बाहरी दीवारों पर।

 

2. प्लास्टर की मोटाई एकसमान बनाए रखना क्यों ज़रूरी होता है?

प्लास्टर की मोटाई एकसमान बनाए रखने से संरचनात्मक अखंडता और एक चिकनी सतह सुनिश्चित होती है। असमान प्लास्टर से दरारें, कमज़ोरियाँ और बदसूरत दिखावट नज़र आ सकती है।

 

3. प्लास्टर की मानक मोटाई कितनी होती है?

मानक मोटाई अलग-अलग होती है: आंतरिक दीवारों के लिए, यह आमतौर पर 10-15 मिमी होती है, जबकि बाहरी दीवारों के लिए, यह 15-25 मिमी होती है।

 

4. क्या प्लास्टर लगाने के बाद प्लास्टर की मोटाई को समायोजित किया जा सकता है?

प्लास्टर लगाने के बाद प्लास्टर की मोटाई को समायोजित करना चुनौतीपूर्ण होता है और इससे दरारें या कमज़ोर स्थान उत्पन्न हो सकते हैं। शुरुआती इस्तेमाल के दौरान सही मोटाई को सुनिश्चित करना सबसे अच्छा होता है।

 

5. प्लास्टरिंग में किस प्रकार की सामग्री का उपयोग किया जाता है?

आम सामग्रियों में सीमेंट, चूना, जिप्सम और रेत शामिल हैं। सही चुनाव, दीवार के प्रकार और वांछित फिनिश पर निर्भर करता है।


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