कंस्ट्रक्शन में प्लिंथ बीम का उद्देश्य क्या है?
प्लिंथ बीम इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है:
1.स्ट्रक्चरल स्टेबिलिटी बढ़ाना: दीवारों के भार को नींव पर समान रूप से फैलाकर।
2. मॉइश्चर कंट्रोल: यह जमीन से दीवारों में नमी के रिसाव के खिलाफ एक बाधा के रूप में कार्य करता है।
3. सिस्मिक रेजिस्टेंस: भूतल पर दीवारों को एक साथ जोड़कर संरचना की भूकंपीय ताकतों का सामना करने की क्षमता बढ़ाता है।
प्लिंथ बीम कहाँ स्थित होता है
प्लिंथ बीम भवन की परिधि(पेरीमीटर) के साथ प्लिंथ स्तर पर स्थित होता है, जो जमीन के स्तर से ऊपर और फर्श के स्तर से नीचे स्थित होता है, प्रभावी ढंग से खंभों और दीवारों को आपस में जोड़ता है।
घर के कंस्ट्रक्शन में प्लिंथ बीम का उपयोग क्या है
जब घर के कंस्ट्रक्शन की बात आती है, तो स्टेबिलिटी और लंबे जीवन के लिए प्लिंथ बीम एक महत्वपूर्ण विशेषता है:
1. एकीकृत नींव: सभी सहायक खंभों को जोड़कर, प्लिंथ बीम एक सुसंगत नींव प्रदान करता है जो धंसने और दरारों को कम कर सकता है।
2. नमी से बचाव: जमीन के ऊपर इसका स्थान नमी के खिलाफ एक रक्षात्मक परत के रूप में कार्य करता है, जिससे ऊपर की दीवार सामग्री सुरक्षित रहती है।
3. दीमक से बचाव : यह जो ऊंचाई प्रदान करता है, वह दीमक को रोकने में भी मदद कर सकता है, जिससे घर के लकड़ी के तत्वों(एलीमेंट्स) की रक्षा होती है।
4. डिज़ाइन की परिभाषा: वास्तुशिल्प रूप से, यह नींव और दीवारों के बीच एक स्पष्ट सीमा रेखा बनाता है, जो न केवल डिज़ाइन की प्रकृति को बढ़ाता है बल्कि साइडिंग या प्लास्टर के सटीक इंस्टॉलेशन में भी सहायता करता है।
प्लिंथ बीम के मूल अर्थ से परे जाकर, हम कई वर्षों तक घर के संरचनात्मक स्वास्थ्य और स्वरूप में काफी सुधार कर सकते हैं।