आप यह सुनिश्चित कैसे करते हैं कि आपके द्वारा शुरू किया गया प्रोजेक्ट न केवल गुणवत्ता मानदंडों को पूरा करता है, बल्कि समय पर और एक निर्धारित बजट में भी समाप्त हो जायेगा? यह मुश्किल हो सकता है, यही वजह है कि हमने कन्सट्रक्शन से जुड़े विभिन्न चरणों को संकलित किया है जो आपको बेहतर रूप से योजना बनाने और प्रोजेक्ट को सही तरीके से समाप्त करने में मदद करेंगे।
सीमेंट को लकड़ी के तख्तों पर या एक मौसम से संरक्षित भंडार गृह के फर्श पर फैले हुए तिरपाल के उपर स्टोर करें, सुनिश्चित करें कि नमी के प्रवेश को रोकने के लिए सभी दरवाजे, खिड़कियां और वेंटिलेटर कसकर बंद हों। ढेर की दीवार से 30 सेंटीमीटर और छत से 60 सेंटीमीटर की दूरी सुनिश्चित करें 12 बोरियों से अधिक ऊंचाई तक ढेर न बनाएं। सीमेंट की लंबाई-वार और चौड़ाई-वार पैटर्न में ढेर बनाएं। ढेर को तिरपाल या पॉलीथीन की शीट से ढक दें। पहले आई हुई सीमेंट की बोरियों का उपयोग पहले करें। कार्य स्थल पर अस्थायी भंडारण के लिए, सीमेंट की बोरियों का ढेर उंचे और सूखे स्थान पर बनाएं और तिरपाल या पॉलीथीन की शीट से ढंक कर रखें। पुराने सीमेंट (90 दिनों से अधिक समय से संग्रहीत) का उपयोग करने से पहले इसकी ताकत के लिए परीक्षण किया जाना चाहिए।
कंक्रीट के थोड़ा सख्त होने के तुरंत बाद उसका उपचार करना शुरू करें और इसे लगातार करें। ताजी ढाली गई कंक्रीट की सतहें जब तक थोड़ा कठोर न हो जाए, उनपर पर पानी छिड़कते रहें। कंक्रीट की सतहों जैसे कॉलम, ढलान वाली छतों को गीली टाट की बोरियों, जूट या पुआल से ढंक दें, और उन्हें लगातार गीला बनाए रखें। स्लैब और फ़र्स जैसी कंक्रीट की सपाट सतहों के लिए, हलके गारे या मिट्टी से छोटी-छोटी क्यारियां बनाएं। इसे पानी से भर दें। उपचार की प्रक्रिया पूरी होने तक पानी की गहराई हमेशा 50 मिलीमीटर बनाए रखें। उपचार की प्रक्रिया के दौरान शुद्ध पीने लायक पानी का उपयोग करें। सामान्य मौसम की स्थिति में कंक्रीट का उपचार न्यूनतम 10 दिनों तक करें। गर्म मौसम (40 डिग्री सेल्सियस से अधिक) के दौरान, कंक्रीट का उपचार कम से कम 14 दिनों तक करें।
फिनिशिंग का कार्य तब शुरू करें जब सतह पर पानी बहुत कम या बिलकुल भी न हो। फिनिशिंग की प्रक्रिया को निम्नलिखित क्रम में आगे बढ़ाते हैं - स्क्रैचिंग, फ्लोटिंग और ट्रॉवेलिंग। सीधे किनारे को कंक्रीट की पूरी सतह पर आगे और पीछे की दिशा में चला कर समतल करें। गड्ढों को भरने के लिए सीधे किनारे से थोड़ा आगे थोड़ी मात्रा में कंक्रीट का मिश्रण रखे रहें। फ्लोट करते समय, 1.5 मीटर लंबी, 20 सेंटीमीटर चौड़ी लकड़ी के फ्लोट का उपयोग करें और किनारों को समतल करने, गड्ढों को भरने और उंचे उभारों को बराबर करने के लिए इसे आगे और पीछे की दिशा में चलाएं। बहुत अधिक ट्रॉवेलिंग करने से बचें। निथरे हुए पानी को सोखने के लिए गीली सतह पर सूखा सीमेंट न छिड़कें।
प्रभावी संघनन के लिए वाइब्रेटर का उपयोग करें - फ़ुटिंग्स, बीम और कॉलम के लिए नीडिल वाइब्रेटर तथा स्लैब और सपाट सतहों के लिए सरफेस वाइब्रेटर। नीडिल को पूरी गहराई तक ले जाएं और इसे पूरी प्रक्रिया के दौरान बनाए रखें। कंक्रीट को लगभग 15 सेकंड तक वाईब्रेट करें फिर नीडिल को धीरे-धीरे वापस निकालें। सुनिश्चित करें कि विसर्जन के बिंदु (20 मिलीमीटर व्यास वाली नीडिल के लिए) एक दूसरे से 15 सेंटीमीटर की दूरी पर स्थित हों, वाइब्रेटर की नीडिल से फॉर्मवर्क या रीइन्फोर्समेंट के सेन्टरिंग प्लेट छूने न पाएं।
कंक्रीट को पानी डालने के बाद 45 मिनट के भीतर उसके इस्तेमाल की जगह पर पहुंचा दिया और इस्तेमाल कर लिया जाना चाहिए। कंक्रीट मिश्रण को ले जाते समय उसे झटके लगने से बचाना सुनिश्चित करें ताकि ले जाते समय मिश्रण से सामग्री का पृथक्करण रोका, उसके सूखने या सख्त होने से बचा जा सके। कंक्रीट लगाते समय फॉर्मवर्क और रीइन्फोर्समेंट के संरेखण में कोई बदलाव न आने पाए। कंक्रीट को समान मोटाई की क्षैतिज परतों में भरें। कंक्रीट को वाइब्रेटर का बगल से उपयोग करके धक्का न दें। स्लैब की कंक्रीटिंग के मामले में, कंक्रीट को इसकी पहले की परतों के उपर भरें उससे दूर नहीं। कंक्रीट भरने का काम सपाट स्लैब के मामले में फॉर्मवर्क के कोने से और ढलान वाले स्लैब के मामले में सबसे निचले स्तर से शुरू करें। कंक्रीट 1 मीटर से अधिक ऊंचाई से न गिराएं; यदि ऊंचाई 1मीटर से अधिक हो तो चोंगे का उपयोग करें।
मिश्रण बनाने के ड्रम के अंदर और ब्लेड की जाँच करें कि उसमें पुराना कंक्रीट / गारा चिपका हुआ न हो। बिना चोंगे वाले मिश्रण ड्रम में कंक्रीट के घटकों को निम्नलिखित क्रम में डालें:
चोंगा लगे मिश्रण ड्रम के मामले में, मोटी गिट्टी की मापी गई मात्रा पहले डालें, फिर रेत और सीमेंट चोंगे में रखें। सामग्री को कम से कम 2 मिनट तक मिलाएं। हाथ से मिश्रण करना अपरिहार्य होने के मामले में, इस कार्य को 10% अतिरिक्त सीमेंट के साथ किसी कठोर सतह पर करें। हाथ से मिश्रण करने के दौरान, पहले रेत और सीमेंट को समरूप होने तक मिलाएं और मोटी गिट्टी पर फैला दें और एक समरूप रंग आने तक फिर से मिलाएं। थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पानी डालते और इसे तब तक मिलाते रहें जब तक कि यह समरूप न हो जाए।
सही अनुपात सुनिश्चित करने के लिए सामग्री को सही तरीके से मापें। गिट्टियों को वजन में मापना मात्रा में मापने से बेहतर होता है। मात्रा में मापने के लिए 1.25 घन फीट के मापक बक्से का उपयोग करना बेहतर होता है। मापक बक्से या बर्तन को पूरा उपर तक भरें। यदि मात्रा में मापे जाते समय, रेत गीली है तो पर्याप्त मात्रा में अतिरिक्त रेत (लगभग 25%) मिलाएं। पानी को मापने के लिए अंशांकित डिब्बे या बाल्टियों का उपयोग करें, ताकि सभी बैचों में पानी का उपयोग समान मात्रा में हो, इस प्रकार समंगता सुनिश्चित होती है।
एक अच्छी ईंट समान आकार, आकृति और रंग (आमतौर पर गहरा लाल या तांबई रंग की) कठोर और अच्छी तरह से पकाई गई, बनावट में समरूप तथा दोषों और दरारों से मुक्त होनी चाहिए। इसके किनारे वर्गाकार, सीधे और तीखे होने चाहिए। इसे दूसरी ईंट से टकराए जाने पर एक इससे धातुई आवाज आनी चाहिए। इसे लगभग 1.2 से 1.5 मीटर की ऊंचाई से एक अन्य ईंट पर या जमीन पर पटकने पर टूटना नहीं चाहिए। नाखून से खरोंचने पर इसपर कोई निशान नहीं पड़ना चाहिए। एक घंटे तक पानी में डूबाए रहने के बाद ईंटों को अपने वजन के एक-छठे हिस्से से अधिक पानी अवशोषित नहीं करना चाहिए। अच्छी गुणवत्ता वाली ईंटों को प्राप्त करना कठिन होता है और इसमें नुकसान / टूटने की मात्रा अधिक होती है। वे पर्यावरण के अनुकूल नहीं होती हैं क्योंकि वे उपजाऊ शीर्ष मिट्टी का उपयोग के द्वारा बनाई जाती हैं। इसके बजाय, कंक्रीट के ब्लॉकों का उपयोग करना उचित होता है।
मजबूत, टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल भवनों के लिए, पीपीसी और पीएससी जैसे ब्लेंडेड सीमेंट का उपयोग करें, अल्ट्राटेक जैसे प्रतिष्ठित ब्रांड की अच्छी गुणवत्ता वाले सीमेंट का चुनाव करें। सीमेंट खरीदते समय, कृपया निम्नलिखित की जाँच करें:
बैच संख्या - निर्माण का सप्ताह / महीना / वर्ष, बीआईएस का मोनोग्राम, आईएस कोड संख्या, एमआरपी और शुद्ध वजन
सुनिश्चित करें कि सीमेंट की बोरियों के साथ छेड़छाड़ नहीं की गई है।
कंक्रीट के लिए सही सामग्री
सुनिश्चित करें कि गिट्टियां कठोर, मजबूत और धूल, गंदगी, मिट्टी, गाद और वानस्पतिक पदार्थों से मुक्त हों। पेड़ के पत्ते, सूखी तंबाकू, घास, जड़ें और शर्करा पदार्थों जैसे कार्बनिक पदार्थों को हटा दें। कंक्रीटिंग के लिए खुरदुरे / मोटी गिट्टी का उपयोग करें। मोटी गिट्टी मोटे तौर पर 10 मिलीमीटर और 20 मिलीमीटर आकार की गिट्टियों का 60:40 से लेकर 70:30 तक के अनुपात में मिश्रण होगा। लम्बे आकार वाली और छिपटीदार (चपटी) गिट्टी का उपयोग न करें - इस तरह की गिट्टी के उपयोग की सीमा संयोजन में द्रव्यमान के अनुसार 30% और अकेले में 15% है। ऐसी रेत का चुनाव करें, जिसे हाथ से मसलने पर, हथेली पर सूक्ष्म कण चिपके हुए और दाग लगा हुआ नहीं मिलता है। दाग से रेत में मिट्टी मिले होने और महीन कणों के चिपके होने से गाद की उपस्थिति को दर्शाता है। उपयोग होने वाला पानी तेल, क्षार, एसिड, शुगर और लवण से मुक्त होना चाहिए। पीने योग्य पानी कंक्रीट बनाने के लिए सबसे उपयुक्त होता है। आरसीसी बनाने के लिए समुद्री जल या खारा (नमकीन) पानी का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। प्रत्येक बोरी सीमेंट में 26 लीटर से अधिक पानी न डालें।
सुनिश्चित करें कि रेत चिपकी हुई कोटिंग्स, मिट्टी, गाद, धूल और जैविक अशुद्धियों से मुक्त है। पहले कोट (रेंडरिंग कोट) के लिए मोटी रेत का उपयोग करें और फिनिशिंग कोट के लिए बारीक रेत। चिनाई वाले जोड़ों को न्यूनतम 12 मिलीमीटर की गहराई तक खरोंचें। पके हुए जोड़ों के साथ-साथ चिनाई वाली सतहों से धूल और ढीले गारे को ब्रश मार कर साफ करें। प्लास्टर की जाने वाली चिकनी सतहों को मजबूत पकड़ सुनिश्चित करने के लिए तार ब्रश से रगड़ कर / हैकिंग द्वारा खुरदरा बनाएं। कंक्रीट की सतहों से चिपके हुए तैलीय / चिकने पदार्थ, प्लास्टिक टेप और किसी भी अन्य पदार्थ को साफ करें और तार ब्रश का उपयोग करके अच्छी तरह से धोएं। प्लास्टर लगाने से पहले दीवार को समान रूप से नम करें। गारा थोड़ी मात्रा में बनाएं ताकि उसमें पानी मिलाने के समय से 60 मिनट के भीतर उसकी पूरी मात्रा का उपयोग कर लिया जा सके। सुनिश्चित करें कि प्लास्टर की मोटाई एक कोट में 15 मिलीमीटर और दो कोट में 20 मिलीमीटर से अधिक न हो। पहले कोट (रेंडरिंग कोट) को खुरदरा करें और इसे कम से कम 2 दिनों तक या अगला कोट लगाए जाने तक नम रखें। 2 से 5 दिनों में रेंडरिंग कोट के ऊपर फिनिशिंग कोट लगायें। पलस्तर की गई सतहों का कम से कम 10 दिनों तक उपचार करें अत्यधिक तापमान (> 40 डिग्री सेल्सियस) में पलस्तर करने से बचें। अच्छी तरह से छनी हुई रेत और सीमेंट तथा रेत के सबसे उपयुक्त अनुपात (1:3 से 1:6 तक) का उपयोग करें। पलस्तर की फिनिशिंग करने के दौरान बहुत अधिक ट्रोलिंग करने से बचें। शीर्ष परत पर सिकुड़न पड़ने से बचने के लिए सीमेंट फिनिश का अतिरेक करने से बचें। सतह के पलस्तर का काम पूरा होने के 30 मिनट बाद हल्का सा पानी छिड़क दें।
सेन्टरिंग सपोर्ट (बल्ली / थोक) को सही मायने में लंबवत रखें और उन्हें दोनों दिशाओं में बांधें। सुनिश्चित करें कि सपोर्ट का आधार मजबूत है। सुनिश्चित करें कि सपोर्ट के बीच अंतर केंद्र से केंद्र तक 1 मीटर से अधिक नहीं होना चाहिए। सेन्टरिंग प्लेटों के जोड़ों को मैस्टिक टेप से सील करें। फॉर्मवर्क की सतह पर धीरे से ग्रीज या शटर आयल का कोट लगाएं। कंक्रीट डालने से पहले धूल के कणों जैसे चूरा, चिपिंग और कागज के टुकड़ों को हटा दें। फॉर्मवर्क को हटाते समय इस क्रम का पालन करें - दीवारों, बीम और कालम के बगल के ऊर्ध्वाधर भाग की शटरिंग को पहले हटाएं इसके बाद स्लैब के निचले भाग से और अंत में बीम के नीचे से निकालें। कॉलम, दीवारों और बीम के ऊर्ध्वाधर भागों की शटरिंग को न्यूनतम 24 घंटे तक रखें। 4.5 मीटर लम्बाई तक के स्लैब के लिए, सपोर्ट 7 दिनों तक रखें; 4.5 मी से अधिक लम्बे स्लैब के लिए, सपोर्ट 14 दिनों तक रखें।
गारे की मोटी परत के उपर ब्लॉक / ईंटें बिछाएं और सही पकड़ सुनिश्चित करने के लिए इसे थोड़ा सा दबाएं। शीर्ष परत के अलाव बाकी सभी परतों में ईंटों का फ्रॉग फेस ऊपर की तरफ रखा जाना चाहिए। सुनिश्चित करें कि ब्लॉक / ईंट की सभी परतें बिलकुल क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर है। ऊर्ध्वाधर जोड़ों को दबाएं। जोड़ों की मोटाई 10 मिलीमीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए। पलस्तर के लिए आधार बनाने के लिए, जोड़ों को 12 मिलीमीटर की गहराई तक ढालें। 1:6 के अनुपात में सीमेंट के गारे का उपयोग करें। चिनाई के निर्माण की ऊंचाई प्रति दिन 1 मीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए। आधे ब्लाक / ईंट की पार्टीशन की दीवारों में चिनाई की हर 4थी परत में 6 मिलीमीटर की सरिया डालें। ब्लाक / ईंट के काम का कम से कम 10 दिनों तक उपचार करें।
अच्छी तरह से पकाई हुई मिट्टी की उन ईंटों का उपयोग करें जो एक समान आकार, आकृति और रंग की हों। ईंटों के आपस में टकराने पर धातु के बजने वाली ध्वनि निकलनी चाहिए, और इतना कठोर होना चाहिए कि उंगली के नाखून से खरोंचने पर खरोंच न पड़े। पानी में डूबाने के एक घंटे के बाद उसे अपने वजन के एक-छठे भाग से अधिक पानी अवशोषित नहीं करना चाहिए। ईंटों को उपयोग करने से पहले, कम से कम आठ घंटे तक, पानी से पर्याप्त रूप से भिगो दें। 3 - 4 फीट की ऊंचाई से गिराए जाने पर उन्हें टूटना नहीं चाहिए।
कंक्रीट के ब्लॉक्स
कंक्रीट के ब्लॉकों का उपयोग करें क्योंकि उनकी लागत कम होती है, और वे तेजी से निर्माण में सक्षम करते हैं, फर्श के क्षेत्र और पर्यावरण-मित्रता में वृद्धि करते हैं। वे ध्वनि, ताप और नमी से बेहतर इन्सुलेशन प्रदान करते हैं। कंक्रीट ब्लॉकों की खुरदरी सतह पलस्तर को बेहतर पकड़ प्रदान करती है। कंक्रीट के ब्लॉक के उपयोग से जोड़ों की संख्या कम होने के कारण गारे की बचत होती है।
नींव की मिटटी का चबूतरे के स्तर तक अनुमोदित रसायनों के पानी में इमल्शन से उपचार करें। उपचार करने के लिए एक विशेषज्ञ एजेंसी को नियुक्त करें, क्योंकि यह एक विशेष काम होता है। नींव की खाइयों (क्यारी और किनारे) की मिट्टी, चबूतरे का भराव, दीवारों और फर्श जोड़ आदि का उपचार करें। उपचार के सभी चरणों में अनुशंसित खुराक का छिड़काव करके रासायनिक इमल्शन समान रूप से उपयोग करें। रासायनिक इमल्शन द्वारा उपचार में, इमल्शन की मात्रा, उपचारित की जाने वाली सतहों के आधार पर 5 से 7 लीटर / वर्गमीटर तक भिन्न-भिन्न होती है। रासायनिक अवरोध पूर्ण और अटूट है, यह देखने के लिए अत्यंत सावधानी बरतें। ध्यान रखें और सुनिश्चित करें कि उपयोग के दौरान कुआ या सोता और पीने के पानी के अन्य स्रोत रसायन से दूषित न हों
एक नमी रोधी परत (डीपीसी) दीवार के नीचे और नींव के शीर्ष के बीच एक क्षैतिज बाधा होती है, जिसे नींव से उठने वाली नमी को रोकने के लिए बनाया जाता है। इसके लिए अनुशंसित खुराक में उपयुक्त जल रोधी यौगिक मिश्रित 1:1.5:3 के अनुपात वाली, 25 मिलीमीटर मोटी सीमेंट कंक्रीट का उपयोग करें। डीपीसी जमीन से निकलने वाले पानी की पहुंच से उपर के स्तर पर प्रदान करें। डीपीसी भूमि के सबसे उंचे स्तर से 15 सेंटीमीटर उपर से कम स्तर पर नहीं होनी चाहिए।
यह सुनिश्चित करने के लिए अच्छी नींव महत्वपूर्ण है कि दीवारें खिसकें नहीं - खिसकने या धंसने के परिणामस्वरूप दीवारों में दरारें आएंगी। सुनिश्चित करें कि नींव की खुदाई मिट्टी की मजबूत परत तक की जाए। सुनिश्चित करें कि सामान्य मिट्टी में नींव की गहराई कम से कम 1.2 मीटर (4 फीट) हो। ब्लैक कॉटन (फैलने वाली) मिट्टी में, नींव की गहराई मिट्टी में दरारों से 15 सेंटीमीटर नीचे तक होनी चाहिए। ऐसी मिटटी में नीव के चारों ओर और नीचे बालू की एक परत बिछाई जाए। सुनिश्चित करें कि नीव के नीचे की परत की चौड़ाई दीवार की मोटाई से दोगुनी से कम न हो। नीचे की परत के नीचे (1:3:6 अनुपात) वाले कंक्रीट की कम से कम 12 सेंटीमीटर की मोटाई वाली एक सादा परत प्रदान करें।
नई दीवारों के लिए नींव का सही निशान लगाना सुनिश्चित करें ताकि वे दीवार का वजन सहन करने के लिए सही आकार की और सही स्थिति में बनें। इंजीनियर से लेआउट प्लान / सेंटर-लाइन ड्राइंग प्राप्त करें और जमीन में खूंटे लगा कर उनके बीच संदर्भ लाइन के रूप में इमारत की सबसे लंबी बाहरी दीवार की केंद्रीय रेखा खींचें। दीवारों की केन्द्रीय रेखाओं के साथ-साथ नीव की खुदाई की रेखाओं को अंकित करें। सुनिश्चित करें कि की गई खुदाई का स्तर, ढलान, आकार और पैटर्न बिलकुल सही है। पानी डालने और कुटाई करने के द्वारा खुदाई की क्यारियों को पक्का करें। नरम या दोषपूर्ण स्थानों को खोदकर कंक्रीट से भर देना चाहिए। गहरी खुदाई के लिए खुदाई के क्षेत्र के किनारों को ढहने से बचाने के लिए खुदाई के किनारों को कड़े किनारा बंदी काम से सुरक्षित बनाएं
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